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शर्मनाक

कश्मीर में जनमत कराने संबंधी बयान के बाद प्रशांत भुषण का एक और शर्मनाक बयान । बोला नक्सली क्षेत्रों में जनमत करा कर CRPF हटाई जाए ।

After seeking a referendum on the presence of the Army in Kashmir, senior Aam Aadmi Party leader Prashant Bhushan on Saturday favoured that Maoists should join the “AAP movement” and referendum ”on the issue of deployment of paramilitary forces in the red corridor".




एक जनमत होना चाहिए की प्रशांत भूषण के ऊपर
देशद्रोह का मुकद्दमा चला कर फांसी दी जाये या नही ???
अपनी राइ दे !

★ Salute and Respect ★
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Bravo
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╰☆╮|| Jai Hind - भारत माता की जय || ╰☆╮

गहमर पोर्टल के साथ विज्ञापन

सतीश गहमरी एशिया के सबसे बड़े गाव  गहमर ब्लॉग सर्वाधिक लोकप्रिय वेबसाइट्स में से एक www.gahmarportal.blogspot.com का रख-रखाव करता है  वेबसाइट www.gahmarportal.blogspot.com गाव कि  वर्तमान, नये  स्थिति सुचनाये अगले 60 दिनों तककी उपलब्धता जैसी डायनैमिक सूचनाए  से संबंधित जानकारियां उपलब्ध कराता है.

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मुख्य

गहमर में बसी माँ कामाख्यां का पौराणिक मंदिर पुरे भारत में प्रसिद है, सिकरवार राजपूतों की कुल देवी माँ 
के दरबार में पुरे साल भीड़ रहती है!पुरे भारत से लोग लाखों की तादात में अपनी मनोकामना के पूर्ण होने के कामना लिये दर्शन पुजन हेतु आते है!ऐसी मान्यता हैं की अपने वनवास के दौरान, मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम इसी स्थान के आसपास फैले तारक नामक राक्षश के साम्राज्य का विनाश किया था!यहाँ, ऋषि जमदग्नि, विश्वामित्र, गाँधी तनय, सरीखे मुनियों का समागम हुआ करता था! ऋषि विश्वामित्र ने यहाँ तो एक महायज्ञ किया था!गहमर के वीरों ने भारतवर्ष के लिए अनेको लड़ियाँ लड़ी! विश्वयुद्ध से लेकर सन 1965, 1971, और कारगिल के समय भी गहमर के वीरों ने अपना योगदान दिया! और ये माँ कामाख्यां की ही कृपा हैं की, कभी भी गहमर के सैनिकों ने हार नहीं देखी! जिस रणभूमि में गए, जीत हासिल की!माँ कामाख्यां की कृपा से, गहमर की हिन्दू-मुस्लिम एकता भी एक मिशाल हैं! गहमर के राजपूत और पठान मुख्यतः एक ही वंशज हैं!देश ने सैकड़ों दंगे देखें, रोज हजारों भड़काऊ प्रयास देखें, लेकिन आज तक गहमर ही राम-रहीम सभ्यता में कोई आंच नहीं आयीं! ये कामाख्यां की कृपा हैं!
माँ कामाख्यां का गहमर में विराजमान होना गहमर!-वासियों का सौभाग्य हैं 

माँ कामख्या की छाया में भागीरथि के तट पर बसा 1लाख से अधिक अबादी हजार मतदाताओ वाला एशिया महादीप का सबसे बड़ा गॉव गहमर किसी परिचय का मोहताज नहीं है। दिल्ली-हावड्र मुख्य मागॅ पर बसे इस गॉव की पहचान सैनिको एवं साहित्यकारो से है इस गॉव के हर घर का कम से कम एक लाल जरूर सेना मे कायॅरत हो कर देश सेवा कर रहा हैं।वीर मैगर सिह,शौकत अली, ने अपनी वीरता का लोहा मनवा दिया 25 नवम्वर 1998 को गहमर मे मगध एक्सप्रेक्स के पलट जाने के बाद गहमर के लोगो की सेवा और जानपर खेल फसे यात्री रक्षा से तत्कालिन रेल मंत्री नितीश कुमार ने तत्काल फरक्का एक्सप्रेस का ठहराव गहमर मे कर दिया सािहत्य मे गोपाल राम गहमरी,भोला नाथ गहमरी ने हिन्दी सािहत्य को नया आयाम दिया है वही कवियो के मंच पर प्रदीप पुसकल, विलीन, फजीहत,और मिथलेस गहमरी ने पपूरे भारत मे अपनी और गहमर की पहचान बनायी है। सुविधाओ शिक्षा मे प्राईमरी से स्नातक की शिक्षा, जल निगम,थाना, स्टेडियम,सिनेमा हाल, जल,सडक,रेल मागॅ, तीनो यातायात,साईवर कैफे,पुस्कालय,बाजार,मिलें स्टेट और युनियन बैक सुविधाओ के नाम पर भी हमारा गॉव किसी शहर से कम नही है